Contract Employees Regular: संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर चर्चा में तेजी से हो रही है जिसके अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन एवं मांग की जा रही है कि संविदा कर्मचारियों को जल्द से जल्द अधिक जारी करके नियमित किया जाएगा इसके बीच विभिन्न राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर आदेश जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि पिछले 10 सालों से नियमित सेवा दे रहे हैं संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
जो संविदा कर्मचारी पिछले 10 सालों से कार्यरत है उन्हें हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार नियमित कर्मचारियों के समान वेतन एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी जिसमें भत्ता एवं रिटायरमेंट के लाभ भी शामिल किए गए हैं इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य के सर्व शिक्षा अधिनियम अभियान के माध्यम से वर्तमान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए यह बताया गया है कि जिसमें वर्तमान में कार्यरत संविदा के आधार पर कर्मचारियों को नियमित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिया गया है एवं उन्हें स्थाई कर्मचारियों के समान वेतन एवं अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला Contract Employees Regular
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार जो व्यक्ति संविदा के आधार पर विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत हैं उन्हें सरकार द्वारा नियमित किया जाएगा इसके लिए सरकार को कई समस्याओं का भी सामना करना होगा जिसमें आर्थिक एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने की समस्या भी पैदा होगी। एवं न्यायालय द्वारा बताया गया है कि लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों को ही नियमित किया जाएगा।
इस फैसले से सरकार को मुख्य रूप से आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ेगा क्योंकि संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन एवं भत्ता देने पर आर्थिक खर्च भी अधिक आएगा एवं इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पारदर्शी बनाने के लिए प्रशासनिक समस्याओं का भी सामना करना होगा इसके तहत विभिन्न राज्य सरकार के नियमों को नीतिगत रूप से ढांचा तैयार गया है जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित पद के रूप में परिवर्तन करने से संबंधित जानकारी को भी स्पष्ट करना होगा।
कौन होंगे नियमित
राजस्थान राज्य की बात करें तो यहां पर लंबे समय से Contract Employees Regular होने के मुद्दे को लेकर कोर्ट द्वारा 748 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता साफ किया गया है इसके अलावा राज्य के संविदा कर्मचारियों के मानदेय में 5% वृद्धि करने का भी निर्णय लिया गया है वहीं कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा फैसला लिया गया है अब कोर्ट द्वारा बताया गया है कि आउटसोर्सिंग आधारित भर्तियों को मान्यता दी जाएगी एवं उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है की याचिका करता केवल सेवा में निरंतर रूप से कार्य करने के लिए हकदार होंगे एवं उसके बाद रिटायरमेंट के लाभ भी उन्हें दिए जाएंगे।
संविदा कर्मचारियों के राज्य में 62401 रिक्त पदों में से राज्य सरकार द्वारा 4 साल पहले 2022 के नियम के अनुसार 122527 नवीनतम परिषद किए थे लेकिन अभी तक केवल 60126 पदों को ही भर गया है इसके साथ ही उन्हें यह भी बताया गया है कि जो संविदा कर्मचारी लंबे समय से कार्यरत हैं उन्हें सरकार द्वारा सीधे वेतन ले रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा लेकिन वर्तमान में संविदा कर्मचारियों के रिक्त पदों की संख्या अधिक होने के लिए बेरोजगार युवाओं द्वारा नई भर्ती आयोजन की भी मांग की जा रही है।
इस प्रकार बताया जा रहा है कि ज्यादातर राज्यों में 10 साल से अधिक समय में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा एवं इसके लिए अभी तक आधिकारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है। इसके अंतर्गत संविदा कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी के रूप में रिटायरमेंट सेवाओं का भी लाभ दिया जाएगा।